Monday, 12 March 2018

मापन एवं मूल्यांकन

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शैक्षिक मापन का अर्थ एवं परिभाषा
मापन एक ऐसा प्रत्यय है जो अत्यंत प्राचीन काल से दैनिक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में बहुतायत रूप में प्रयोग किया जाता है| सामान्यतः व्यक्ति अपने जीवन से संबन्धित कार्यों को करने के दौरान अनेकों बार औपचारिक ढंग से मापन करता है| उदाहरणार्थ-वस्त्र विक्रेता कपड़ा नापता है,ग्वाला दूध नापता है,फल विक्रेता फल तौलता है,डॉक्टर शरीर का तापमान मापता है| ये सभी मापन के ही उदाहरण हैं| यद्यपि इन सभी में मीटर, लीटर, किग्रा तथा थर्मामीटर जैसे किसी मानक साधन की आवश्यकता होती है, परंतु 
मानव जीवन के कुछ ऐसे क्षेत्र भी हैं जहा बिना किसी मानक साधन के भी मापन हो सकता है।
मापन की परिभाषा
मापन का आधार थोर्नडाइक के इस कथन में निहित है की - "जो कुछ भी अस्तित्व में है ,उसका अस्तित्व कुछ परिणाम में होता है।"
इस संकल्पना की सहमति पर बल देते हुए मैक काल ने कहा है कि-"यदि कोई वस्तु किसी परिमाण में अस्तित्व में है तो उसका मापन हो सकता है।"
अब किसी वस्तु,प्राणी अथवा क्रिया के किसी गुण को निश्चित शब्दों ,चिन्हों अथवा इकाई अंकों में संक्षिप्त रूप में प्रकट किया जाता है।
अनेक विद्वानों ने अपने-अपने दृष्टिकोण से मापन की इस प्रक्रिया को परिभाषा में बांधने का प्रयास किया है, जो इस प्रकार है-

कैम्पबेल के अनुसार-"नियमों के अनुसार वस्तुओं या घटनाओं को प्रतीकों में व्यक्त करना मापन है।"

एसएस स्टीवेन्स के अनुसार-,"मापन किन्ही निश्चित स्वीकृत नियमों के अनुसार वस्तुओं के अंक प्रदान करने की प्रक्रिया है।"
जी० सी० हेल्मस्टेडटर के अनुसार-,"मापन किसी व्यक्ति या वस्तु में निहित किसी विशेषता के विस्तार का अंकीक वर्णन प्राप्त करने की प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया जाता है।"


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